यार छोटे! तुम तो
कहते थे कि यहां सबसे आसान काम कुछ है तो वो है लड़की पटाना.लेकिन साला दो महीना
हो गया है हमसे तो कुछ भी नहीं हुआ.तुम तो बहुत चिल्ला रहे थे नॉर्थ कैंपस नॉर्थ
कैंपस.हम तो साला तुम्हारे कहने पर ही यहां संस्कृत ऑनर्स में एडमिशन ले लिए और अब
कुछ उम्मीद नहीं दिख रही.हमको तो लग रहा है कि अब हमारा अच्छा वाला चूतिया कट
गया.........कल मल्का गंज में राहुल चाय वाला,पटेल चेस्ट पर सोडा वाला
और विजय नगर के रॉयल पैलेस का कुल्चे वाला सब कह रहे थे कि सर मैडम कब आ रही हैं,आप इतने दिन से गोली दिए जा रहे हैं.हमको तो साला घिन्नाने लगा है कैंपस.कहीं
रिटर्न टिकट न करना पड़ जाए......माहौल देख कर तो लग रहा है हम ही इतने चूतिए
हैं.मिशन फेल हो रहा है और हमसे न होगा..इज्जत फोकट में जा रही है
(दिल्ली
विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में ऐसे मिशन के लिए भी एडमिशन लिए जाते हैं)